मानवता को शर्मसार करता निजामाबाद थाने का चरित्र
निजामाबाद आजमगढ़।निजामाबाद कस्बे की तेलीपुर मुहल्ले की रहने वाली चिन्ता देवी पत्नी मिठाईलाल सोनकर ने एक प्रार्थना पत्र दिनांक 15/11/2025 को निजामाबाद थाने में दी थी कि उसका लड़का आशीष सोनकर रोजी रोटी के लिए ऑटो रिक्शा चलाता है। चिन्ता देवी ने यह आरोप लगाया है कि उसके पुत्र आशीष का ऑटो रिक्शा संदीप सोनकर पुत्र सेतू सोनकर और पप्पू सोनकर पुत्र विक्रम सोनकर शंघई पुर के निवासी ने अपने बहनोई को पहुंचाने के लिए मोलनापुर के लिए भाड़ा बुक कराया था।शाम 7 बजे आशीष सोनकर संदीप सोनकर पप्पू सोनकर और इनके बहनोई को लिवाकर मोलनापुर गया और करीब 9 बजे वापस आते हुए असनी भट्ठे के पास पहुंचने के पास संदीप और पप्पू सोनकर ने आशीष से ऑटो रिक्शा छीनने लगे इसका विरोध आशीष द्वारा किया गया तो चलती गाड़ी में हाथा पाई करने लगे जिससे ऑटो रिक्शा का बैलेंस बिगड़ा और ऑटो पलट गया और आशीष ऑटो के नीचे दब गया विपक्षी संदीप और पप्पू मौके से फरार हो गए।आशीष के शोर मचाने पर अगल बगल के लोग आए किसी तरह से लोग आशीष को काफी मेहनत के बाद निकले जहां उसको काफी चोट आई थी खून से लथपथ घर वालो ने तुरंत आशीष को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाए।पांच दिनों आई सी यू में रहने के बाद घर वालों ने निजामाबाद थाने में 15/11/2025 को नामजद प्रार्थना पत्र दिया मगर वाह रे निजामाबाद का थाना जांच करके मुकदमा लिखने की जगह घायल व्यक्ति की माता चिंता देवी को थाने से ही भगा दिया गया।थक हार कर महिला चिंता देवी ने एस पी महोदय को प्रार्थना पत्र दिया गया और एस पी के यहां से आश्वासन दिया गया कि घायल व्यक्ति का मेडिकल कराया जाएगा मगर निजामाबाद की पुलिस पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने की जगह सौदेबाजी में लिप्त है। अब देखिए पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलता है या निजामाबाद की पुलिस केस ही हजम कर जाती है।
