कुलभूषण प्रतापगढ़ी का लोकगीत 'घूमेलू पट्टी बजरिया' हुआ पॉपुलर
प्रतापगढ़ जनपद एवं अवधी गीत-संगीत को जन-जन तक पहुंचा रहे गीतकार से गायक बने कुलभूषण प्रतापगढ़ी का एक और अवधी लोकगीत 'घूमेलू पट्टी बजरिया' चर्चा का विषय बना हुआ है। अवधी भाषा में गाया हुआ कुलभूषण प्रतापगढ़ी का लोकगीत संगीतप्रेमियों के बीच काफी पसंद किया जा रहा है। अवधी विधा में गीत सुनने वाले श्रोता इस गाने की भर भर कर तारीफ कर रहे हैं और साथ ही साथ कुलभूषण को प्रतापगढ़ की शान व सुरों के सम्राट कहकर संबोधित भी कर रहे हैं। कोई-कोई तो उन्हें प्रतापगढ़ का सुपरस्टार भी कहने लगे हैं।
बता दें कि सिंगर व गीतकार कुलभूषण प्रतापगढ़ी विगत पच्चीस साल से अवधी और भोजपुरी गाने लिखते चले आ रहे हैं। उनके लिखे कई गाने हिट हुए हैं और कई सिंगर ने गाया है। क्योंकि वह गीत लिखने के साथ-साथ गीत कंपोज भी करते हैं और धुन भी बनाते हैं, इसलिए अब वे गीत लिखने के साथ-साथ सिंगर भी बन गए हैं। अब उनकी आवाज में भी गाने रिलीज होने लगे हैं। ऐसे में कुलभूषण प्रतापगढ़ी के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर लोकगीत 'घूमेलू पट्टी बजरिया' रिलीज किया गया है। यह गीत सीधे दिल में उतर रहा है। ग्रामीण भावनाओं से जुड़ा, देसी मिट्टी की खुशबू से भीगा, मन को छू लेने वाला ये गीत हर किसी का मन मोह रहा है। इस गीत को कुलभूषण प्रतापगढ़ी ने जहां मधुर स्वर में गाया है, वहीं इस गीत के वीडियो में उन्होंने शानदार परफॉर्म भी किया है। उनके साथ अदाकारा काजल ने शानदार अदायगी किया है। उनकी केमिस्ट्री देखते ही बन रही है, जिससे लोगों का भरपूर मनोरंजन हो रहा है। इस गीत के गीतकार कुलभूषण प्रतापगढ़ी हैं। संगीत आशीष स्टूडियो आजमगढ़ ने तैयार किया है। निर्देशक कुलभूषण प्रतापगढ़ी, दिनेश तिवारी (रिन्कू काका हैं। मुख्य कलाकार कुलभूषण प्रतापगढ़ीऔर काजल हैं। सहयोगी कलाकार अनिल तिवारी (मोनू), प्रदीप तिवारी, महेश तिवारी (रामू) हैं। छायांकन सौरभ और अजय ने किया है। कोरियोग्राफर मोहित डांसर हैं।