आजमगढ़ घाट के ठीके को लेकर हुए विवाद में अदालत ने छह आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई
घाट के ठीके को लेकर हुए विवाद मंडई तथा नाव जला दिए जाने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने छह आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को नब्बे हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो अमर सिंह ने सोमवार को सुनाया। अदालत ने मुकदमे की आधी धनराशि वादी मुकदमा को भी देने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा गोपाल साहनी निवासी कुड़ही थाना महाराजगंज 21 जनवरी 2005 की शाम पांच बजे शाहपुर घाट के उत्तरी छोर पर अपनी रिहायशी मंडई में मौजूद था ।तभी सरवन पांडेय निवासी खीरीजोत,विजयी निवासी आराजी खलगा, जगई उर्फ जगन्नाथ तथा पन्ने लाल निवासी जजमन जोत, बहादुर निवासी शंकरपुर राजेन्द्र निवासी खोखर जोत थाना महाराजगंज वहां एक जुट होकर आए और घाट के ठीके की रंजिश को लेकर राम पलट साहनी महेंद्र साहनी,साजन साहनी को बुरी तरह से मारापीटा और मंडई में आग लगा दिए। उसके बाद नाव पर सवार होकर दक्षिणी छोर पर चले गए और उसकी घाट की नाव को भी जला दिया। वादी ने कुल 11 लोगों के विरुद्ध नाम नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद छह आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अभय दत्त गोंड तथा हरेंद्र सिंह ने कुल चार गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सरवन, विजय जगई उर्फ जगन्नाथ, पन्नीलाल ,बहादुर प्रसाद तथा राजेंद्र को पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को नब्बे हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।